कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से मार्च से मई तक प्रदेश में होने वाली शादियां टाल दी गई हैं। ऐसा पहली बार होगा जब अक्षय तृतीया (26 अप्रैल) को भी शादी नहीं होंगी। हालातों पर काबू न हो पाने के कारण लोगों ने अब गर्मी के सीजन में शादियां करने की उम्मीद छोड़ दी है। मैरिज गार्डनों की बुकिंग कराने वाले लोगों ने अब गार्डन संचालकों को फोन करके जानकारी लेना भी बंद कर दिया है। खास बात यह है कि मई के बाद इस साल मुहूर्त की संख्या बहुत कम है। इससे मैरिज गार्डन, क्रॉकरी, टेंट-लाइट, ज्वैलरी और कपड़े का कारोबार प्रभावित होगा। इस कारण अब ये कारोबार एक साल बाद ही मंदी से उबर पाएगा।
मैरिज गार्डन, टेंट-लाइट और क्रॉकरी कारोबार से जुड़े व्यापारियों के अनुसार अप्रैल और मई माह में हजारों विवाह समारोह प्रस्तावित थे, जो लॉकडाउन के चलते टाल दिए गए हैं। भविष्य की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण यह भी नहीं कहा जा सकता कि ये दोबारा से कब होंगे। अप्रैल माह में बाजार लॉकडाउन खुलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों ने तो कार्ड तक छपवा लिए थे, लेकिन बांटे नहीं। अब ऐसे लोगों ने भी विवाह की उम्मीद छोड़ दी है। लॉकडाउन बढ़ने की संभावना को देखते हुए लोगों ने अब ये उम्मीद छोड़ दी है कि शादियां हो पाएंगी। लोगों का ये भी मानना है कि अगर मई और जून में शादियां होती भी हैं तो संक्रमण के खतरे को देखते हुए दूर-दराज से आने वाले मेहमान नहीं आएंगे। ऐसे में शादियों को डेट टालना ही बेहतर समझ रहे हैं।
अक्षय तृतीया पर भी विवाह होना मुश्किल
इस साल 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इस दिन लोग बिना मुहूर्त निकलवाए भी सिर्फ दिनांक देखकर शादी तय कर लेते थे। और इस दिन प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में लाखों शादियां होती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा। लॉक डाउन बढ़ने की संभावना के बाद इस दिन शादियां होने की संभावना खत्म हो गई है। पंडितो का कहना है कि इस साल गर्मी के सीजन में विवाह मुहूर्त ज्याद थे। नवंबर-दिसंबर में कम रहेंगे। साल की शुरुआत में गुरु और शुक्र का तारा अस्त होने के कारण जनवरी से मार्च तक विवाह मुहूर्त का अभाव रहेगा। अब अगले साल गर्मियों में बड़ी संख्या मे मुहूर्त निकलेंगे।
ये हैं विवाह मुहूर्त
- मई- 1, 2, 4, 5, 17, 18, 19, 23,24
- जून- 15, 30
- नवंबर- 25, 30
- दिसंबर- 7, 9, 11